*इलाज के लिए नही मौत देने के लिए प्रसिद्ध है मशरक सीएचसी*
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*मन व्यथित हैं कुछ कर तो नही सकता पर आक्रोश लिख सकता हूं कलम रखता हूं तो लिखना मजबूरी है*
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*स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लिए इससे शर्मनाक बात कोई हो नही सकती है*
रविवार का दिन था आज के दिन अधिकांश्त आराम का दिन माना जाता है पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह से ही प्रखंड कार्यालय, थाना परिसर समेत सरकारी विभागों में झंडोतोलन कार्यक्रम के बाद आनन-फानन में घर की तरफ निकला और घर पहुंचते ही नाश्ता करने की सोच ही रहा था कि जजौली से किसी ने सूचना दी कि दो शख्स पोखरे में डूबने की वजह से इलाज के लिए सीएचसी में लाया गया जहां घटना की सूचना पर मौके पर खबर संकलन के लिए पहुंचा तो सीएचसी में कोई चिकित्सक मौजूद नही था। मरने वाले का दुर्भाग्य देखिए कि झंडोतोलन के बाद प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप सीएचसी से घर हाजीपुर चले गए वही सीएचसी में कोई भी ड्यूटी पर मौजूद नही था।डूबे दो शख्स को इलाज के लिए लाया गया जहां सब चिकित्सक खोजने में ही व्यस्त हो गए तब तक डूबे युवक अचेतावस्था में इलाज के अभाव में पड़े रहें। गार्ड के द्वारा फोन करने पर आरबीएसके चिकित्सक डॉ आशीफ इकबाल पहुंचे और पहुंचते ही एक को मृत घोषित कर दिया और एक को सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम में भेज दिया। सोचिए यदि इलाज के लिए लाए शख्स को समय रहते समुचित इलाज मिल जाती तो हो सकता था कि मृतक बच भी सकता था।मृत लड़का अपने परिवार का एकलौता चिराग था वही मौके पर उसकी मां और बहनों के रोने की आवाज से मन दहल उठा सोचिए कि किसी परिवार के एक चिराग को किसी की नजर लग जाएं तो कैसे बीतेगी परिजनों पर।
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*मन व्यथित हैं कुछ कर तो नही सकता पर आक्रोश लिख सकता हूं कलम रखता हूं तो लिखना मजबूरी है*
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*स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लिए इससे शर्मनाक बात कोई हो नही सकती है*
रविवार का दिन था आज के दिन अधिकांश्त आराम का दिन माना जाता है पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह से ही प्रखंड कार्यालय, थाना परिसर समेत सरकारी विभागों में झंडोतोलन कार्यक्रम के बाद आनन-फानन में घर की तरफ निकला और घर पहुंचते ही नाश्ता करने की सोच ही रहा था कि जजौली से किसी ने सूचना दी कि दो शख्स पोखरे में डूबने की वजह से इलाज के लिए सीएचसी में लाया गया जहां घटना की सूचना पर मौके पर खबर संकलन के लिए पहुंचा तो सीएचसी में कोई चिकित्सक मौजूद नही था। मरने वाले का दुर्भाग्य देखिए कि झंडोतोलन के बाद प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप सीएचसी से घर हाजीपुर चले गए वही सीएचसी में कोई भी ड्यूटी पर मौजूद नही था।डूबे दो शख्स को इलाज के लिए लाया गया जहां सब चिकित्सक खोजने में ही व्यस्त हो गए तब तक डूबे युवक अचेतावस्था में इलाज के अभाव में पड़े रहें। गार्ड के द्वारा फोन करने पर आरबीएसके चिकित्सक डॉ आशीफ इकबाल पहुंचे और पहुंचते ही एक को मृत घोषित कर दिया और एक को सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम में भेज दिया। सोचिए यदि इलाज के लिए लाए शख्स को समय रहते समुचित इलाज मिल जाती तो हो सकता था कि मृतक बच भी सकता था।मृत लड़का अपने परिवार का एकलौता चिराग था वही मौके पर उसकी मां और बहनों के रोने की आवाज से मन दहल उठा सोचिए कि किसी परिवार के एक चिराग को किसी की नजर लग जाएं तो कैसे बीतेगी परिजनों पर।